दीवानापन देखा है कभी ?
नहीं देखा .. तो आज देख लो
कभी कभी यूँ भी होता है .. मेरा मन
क्यूँ ?
नहीं हो सकता क्या ?
मन है .. मन का क्या ?
एक आदिम पिपासा
सदियों से पलती
कभी तो बाहर आनी ही थी
आज आ गयी
दीवानगी के रूप में
बात को पचाना मुश्किल है
है ना .. ?
पर मैं खुश हूँ .. बेहद खुश
खुद को पाना अच्छा लगता है
कभी कभी यूँ भी बने रहना
भला सा लगता है ..
25/2/12
पर मैं खुश हूँ .. बेहद खुश
ReplyDeleteखुद को पाना अच्छा लगता है
कभी कभी यूँ भी बने रहना
भला सा लगता है ..जी ऐसा भी होता है..... बहतरीन भाव....
sunder abhivyakti ....ye khushi bani rahe ...
ReplyDeleteखुद को पाना अच्छा लगता है
ReplyDeleteकभी कभी यूँ भी बने रहना
भला सा लगता है ..
बेहतरीन अभिव्यक्ति ..
खुद को यूँ ही पाती रहो ..यूँ ही खुश रहो,बस.
ReplyDeleteअपनी खुशी को अपने दिल में यूँ ही बनाये रखना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर एवं साकारात्मक प्रस्तुति !
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति......खुशियाँ कायम रहे इन्ही शुभकामनाओं के साथ स:परिवार होली की भी हार्दिक शुभकामनाएं.....
ReplyDeleteगहरी अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुतिकरण।
खुद को पा लिया तो जावन को पा लिया ... ये दीवानापन हमेशा ही अच्छा होता है ...
ReplyDeletekya kahoon...aap jaise shabd kahaan se laoon...hr shabd,hr rachna behad sundar,lajawab,anupam,adbhut,aditya...kanhaa ki tarha...aapke mann ki tarha...bilkul aapke apne jaise...deewane,ek dum deewane...aapke jaise...!!!
ReplyDeleteGunjan ..ek alag andaaz se bhari aapki kavitayen hain..achhi lagi....bahut achhi lagi.....
ReplyDeleteMeenakshi Srivastava
meenugj81@gmail.com
welcome in my blog- kalam ka kamaal , man ki udaaan.
आपकी खुशियाँ सदा बनी रहे यही शुभकामना है.
ReplyDeleteवाह !
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