Friday, 25 November 2011
पहाड़ों की .. रानी
कुछ पीले ... कुछ गीले
कुछ हरे से हैं मेरे पहाड़
और इनकी पथरीली छतों पर सूखती हूँ मैं
हाँ कभी कभी एक टुकड़ा धूप बन जाती हूँ .. "मैं"
कभी इजा के बोलों में
कभी बाबा के श्लोकों में
कभी अम्मा की गाली में
तो कभी सरुली की ठिठोली में
ना जाने कितने सुरों में ढल जाती हूँ .. "मैं"
कभी खेतों में रोटी ले जाती हूँ मैं
तो कभी पुरानी उधरी ऊन से
मोजा बीनने लग जाती हूँ मैं
कभी पत्थरों से पटी छतों पर
बड़ी-पापड़ तोड़ने बैठ जाती हूँ मैं
ना जाने कितने रूपों में ढल जाती हूँ .. "मैं"
कभी आमा की कच्ची रसोई में
बड़ी निर्लजता से घुस आती हूँ मैं
तो कभी एक - वस्त्रा बन
बोदी का कर्त्तव्य निभाती हूँ मैं
कभी दही सने नीबुओं से
भाई बहनों को ललचाती हूँ मैं
तो कभी अन्नपूर्णा बन बिन बुलाये
मेहमानों की पंगत जिमाती हूँ मैं
ना जाने कितने रंगों में रंग जाती हूँ .. "मैं"
कभी ढोलक पर पड़ती चौड़े हाथों की थाप
तो कभी बेटी को विदा करती इजा का विलाप
हर रंग में .. हर रूप में .. हर सुर में .. हर ताल में
जब चाहूँ तब इन पहाड़ों की "रानी" बन जाती हूँ .. "मैं"
गुंजन
२४/११/११
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कभी खेतों में रोटी ले जाती हूँ मैं
ReplyDeleteतो कभी पुरानी उधरी ऊन से
मोजा बीनने लग जाती हूँ मैं
कभी पत्थरों से पटी छतों पर
बड़ी-पापड़ तोड़ने बैठ जाती हूँ मैं
ना जाने कितने रूपों में ढल जाती हूँ .. "मैं"
अप्रतिम रचना...बधाई
नीरज
मैं और मेरे आयाम.............
ReplyDeleteआत्मीय संबंधों की प्रगाढ़ता को दर्शाती हुई बहुत सुंदर रचना बधाई
ReplyDelete''main''ka ''main'' se bate karna...man ko bha gaya.......aabhar
ReplyDeleteकिन शब्दो मे तारीफ़ करूँ ………सम्पूर्ण नारी जीवन उकेर दिया।
ReplyDeleteकभी इजा के बोलों में
ReplyDeleteकभी बाबा के श्लोकों में
कभी अम्मा की गाली में
तो कभी सरुली की ठिठोली में
ना जाने कितने सुरों में ढल जाती हूँ .. "मैं"
ab kya kahun main
कभी इजा के बोलों में
ReplyDeleteकभी बाबा के श्लोकों में
कभी अम्मा की गाली में
तो कभी सरुली की ठिठोली में
ना जाने कितने सुरों में ढल जाती हूँ .. "मैं"...बहुत कुछ कह गयी ये पंक्तिया.....
बहुत सुन्दर रचना..बधाई
ReplyDeleteहर रंग में
ReplyDeleteहर रूप में
हर सुर में
हर ताल में
जब चाहूँ तब इन पहाड़ों की "रानी"
बहुत सुन्दर
एक टुकड़ा धूप बन जाती हूँ .. "मैं"
ReplyDeleteबड़ी प्यारी बात!
सुन्दर!
इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें.
Beautiful poem...full of expression...really liked it..
ReplyDeletewww.rajnishonline.blogspot.com