Sunday 26 June 2011

कमबख्त.....

ये आंसू भी
बड़े बेगैरत चीज़ होते हैं
कमबख्त.......
उन्हीं के लिए बहते हैं
जिन्हें इनकी कद्र नहीं होती

गुंजन
२६/६/११

3 comments:

  1. .सही कहा आपने .....

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  2. वाकई क्या बात है। बहुत बढिया

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  3. वाह...कितनी मार्मिक बात की है आपने...
    नीरज

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