ज़रूरी नहीं कि तुम्हारा साथ हो
इस आज में
बस तुम हो ..... हाँ हो
क्या ये काफी नहीं
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मेरे लिए
तुम्हारी छाया ही बहुत है
पागल मन को समझाने के लिए
तुम्हारे ख्याल ही बहुत हैं
अपने आज को सजाने के लिए
हाँ ........ कृष्ण
तुम्हारा ये सखा भाव ही बहुत है
इस वैतरणी को
पार करने के लिए
साथ दोगे मेरा ....... कृष्णा
गुंजन
११/८//११
सुंदर भाव
ReplyDeleteअच्छी रचना
वाह ..कितनी कोमल ,प्यारे अहसासों को समेटे है ये रचना ..
ReplyDeleteबहुत बहुत अच्छी लगी.
जय हिंद जय भारत
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सुन्दर रचना , सार्थक प्रस्तुति , आभार
ReplyDeleteरक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएं .
वाह! बहुत खुबसूरत.... मैं बहुत दिनों से कुछ ऐसा लिखना चाहती थी पर लिख नही प् रही थी... मुझे शब्द नही मिल रहे थे... आपने बहुत खूबसूरती से भावो को शब्दों में उतरा है... very nice....
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