इश्क यूँ ही नहीं मिलता हर एक को ढोनी पड़ती है खुद ही की लाश .. जन्म दर जन्म
अरे ऐसी बात क्यो कर रही हैं आप? ज़िन्दगी जीने को दी है उसे हंसकर जीने की कोशिश करिये और ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करिये कि उसने ये नेमत बख्शी है हमें…………ज्यादा कहा हो तो माफ़ी चाहती हूँ।
मृत्यु का आव्हान क्यूँ किया जाय उसे जब आना है वो बिन बुलाये भी चली आएगी...नीरज
मृत्यु आह्वान करने से नहीं आती ... वो तो स्वयं ही बहाने से आती है ..
निशब्द कर दिया आपने....
बुलाने से .....मांगने से...तो मौत भी नहीं आती
अरे ऐसी बात क्यो कर रही हैं आप? ज़िन्दगी जीने को दी है उसे हंसकर जीने की कोशिश करिये और ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करिये कि उसने ये नेमत बख्शी है हमें…………ज्यादा कहा हो तो माफ़ी चाहती हूँ।
ReplyDeleteमृत्यु का आव्हान क्यूँ किया जाय उसे जब आना है वो बिन बुलाये भी चली आएगी...
ReplyDeleteनीरज
मृत्यु आह्वान करने से नहीं आती ... वो तो स्वयं ही बहाने से आती है ..
ReplyDeleteनिशब्द कर दिया आपने....
ReplyDeleteबुलाने से .....मांगने से...तो मौत भी नहीं आती
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