आज मन फिर कुछ लिखने को हो रहा है
क्या ..... पता नहीं
क्यूंकि लिखने का मतलब लिखना नहीं
उन शब्दों में तुमको -
तुम्हारे साथ जीना होता है
हर रोज़ जब कुछ लिखती हूँ
तो लगता है की हाँ आज तुम्हारे साथ
..... कुछ कदम चल ली
..... तुम्हारे रु-ब-रु हो ली
जिस दिन शब्द खो जाते हैं
तो लगता है कि तुम रूठ गए ..
मन है आज फिर
तुम संग दो कदम चलने का
बोलो ...... चलोगे क्या ..... !!
गुंजन
१४/११/११
मन है आज फिर
ReplyDeleteतुम संग दो कदम चलने का
बोलो ...... चलोगे क्या ..... !!
बहुत ही खुबसूरत रचना का एक खुबसूरत सवाल......
हर रोज़ जब कुछ लिखती हूँ
ReplyDeleteतो लगता है की हाँ आज तुम्हारे साथ
..... कुछ कदम चल ली
..... तुम्हारे रु-ब-रु हो ली
जिस दिन शब्द खो जाते हैं
तो लगता है कि तुम रूठ गए ..कितनी खूबसूरत बात कही आपने .