ना !!!!!!!
तुम सपना .... न बनना
सपने रात के बीतते - बीतते
टूट जाते हैं.....
बादल भी ना बनना
इक बार बरस के
वो भी चूक जाते हैं
इंतज़ार ही रहो तो
.. अच्छा है
क्यूंकि वो कभी -
कहीं नहीं जाता
हरदम साथ रहता है
" तुम " बन कर
तुम्हारा कभी ना ख़त्म होने वाला
इंतज़ार बन कर
हाँ .. मुझे है तुम्हारा इंतज़ार
हमेशा की तरह
ख्वाबों में ही सही
पर तुम्हें पाने का .... इंतज़ार !!
गुन्जन
३/१०/११
सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteखूबसूरत प्रस्तुति
ReplyDeleteवाह सोच को क्या खूब आयाम दिया है।
ReplyDeleteगजब की सोंच, क्या बात है, बधाई .......
ReplyDeleteइंतज़ार ही रहो तो
ReplyDeleteअच्छा है..
इस इंतजार में बहुत दर्द होता है............|
फुर्सत में कभी इस ब्लॉग पर भी तशरीफ़ ले आइयेगा..
पता है...
http://teraintajar.blogspot.com/
बहुत प्यारी रचना..मेरी नई पोस्ट में आप का स्वागत है..
ReplyDeletesundar prastuti...
ReplyDelete