इश्क यूँ ही नहीं मिलता हर एक को ढोनी पड़ती है खुद ही की लाश .. जन्म दर जन्म
कल 06/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
Bahut Hi Sundar Hai
सकारात्मक सोच के साथ लिखी गई रचना ..
तुम्हारी बेरुखी कोई और सह भी नहीं सकेगा ...
सच है ये बेरुखी उनकी कभी नहीं जाती ...
सकारात्मक सोच ...बहुत अच्छी रचना
सुन्दर रचना....
वाह क्या बात है...बहुत बढ़िया चिंतन...विजयादशमी की सादर बधाईयां...
कल 06/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
Bahut Hi Sundar Hai
ReplyDeleteसकारात्मक सोच के साथ लिखी गई रचना ..
ReplyDeleteतुम्हारी बेरुखी कोई और सह भी नहीं सकेगा ...
ReplyDeleteसच है ये बेरुखी उनकी कभी नहीं जाती ...
ReplyDeleteसकारात्मक सोच ...बहुत अच्छी रचना
ReplyDeleteसुन्दर रचना....
ReplyDeleteवाह क्या बात है...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चिंतन...
विजयादशमी की सादर बधाईयां...