इश्क यूँ ही नहीं मिलता हर एक को ढोनी पड़ती है खुद ही की लाश .. जन्म दर जन्म
कितनी मासूम चाह है
ओह्ह्ह !!! बहुत सुन्दर और प्यारी सी कविता...
बहुत बढिया
कितनी मासूम चाह है
ReplyDeleteओह्ह्ह !!! बहुत सुन्दर और प्यारी सी कविता...
ReplyDeleteबहुत बढिया
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